बेटी ऊपर भरोसा रखव

गांव के रंगमंच म रतिहा 8 बजे जेवन खा के सकलाय के हांका परत रहिस ।आज रमेसर के बेटी के आनजात होय के निपटान के बैइठक हे। रमेसर के बड़े बेटी कामनी ह पऊर कालेज पढ़ेबर सहर गय रहिस। रगी (गरमी) छुट्टी म आईस त मांग म सेंदुर, हाथ म चूरी पांव म माहुर लगा के दमांद धर के आगे।गांव म आनी बानी के गोठ होय लागिस। समेसर गांव समाज म अपन पीरा ल राखे खातिर बईटका बलाय रहिस।रतिहा सबो सियान मन लईकामन के ऊमर, राजीनामा ले बिहाव अऊ सरकारी पंजीयन के जनाकारी कर ऊंकर बिहाव ल सही मानके संगे जिनगी बीताय बर फईसला कर दिन। बिहनिया रामकुमार जब तोरन घर चाय पियेबर गईस,तब देखथे तोरन माथा धर के मुड़ी गड़ियाय बैईठे हे। भऊजी ह रामकुमार ल बताईस कि रतिहा बईटका ले आय के पाछू ले अईसने होय हे। बने खोधर के पूछिस तब तोरन बताईस, रामकुमार भैईया पऊर ले मोरो दू झन बेटी मन ल दूसर सहर म अकेल्ला भेजे हंव। बड़े बेटी डाक्टरी पढ़ही अऊ मंझली ईंजीनिरिंग करही। अवईया बच्छर म छोटे बेटी ह घलो सहर जाय बर तियार हे।फेर कामनी के हाल ल देख सुन के अऊ आज के बेरा देखत मोला कहीं रद्दा नई दिखत हे।काय करंव तैईसे जी लागत है।रामकुमार कहे लागिस सुन भाई तोरन , पहिली के सियान मन कहाय “कालेज जाय काल कराय” फेर आज अइसन नई हे ।लोग लईका मन घर के संस्कार ले घलाव आगू बढ़थे।सबो लईका के मति अलग होथे। तोर बेटीमन बने संस्कार पाय हे। आज दुनिया में बेटी मन सबो कोती नाम कमाथे अऊ बेटा मन सही बुता करत हे। मास्टर,डाक्टर,इंन्जीनियर ,पुलिस, तहसीलदार, कलेक्टर अऊ पायलट तक बनत हे।चंदा म पहुंच गेहे। राजनीति म परधानमंतरी अऊ रास्टरापती घलो बन गेहे।बेटी जतका पढ़ सकय ओतका पढ़ाना चाही।बेटी ल पढ़ाय के संगे संग संस्कार अऊ नानम परकार के कला घलो सिखाना चाही जौन ओला अपन परवार म मान देवाय।नारी म ममता , नांव के गुन भगवान ह अलगेच देय हे । हां, नऊकरी करे के बेरा म बिचार अलग अलग हो सकत हे। एक जैन मुनि नारी के सिच्छित होय ल बने कहात रहीस फेर नऊकरी बर जरुरत म करेबर सुझाव देत रहीस।नऊकरी वाला नई ते बेपार वाला दमांद मिले ले बेटी ल नाऊकरी झन कराव। बेटी परवार के मान बढ़ईया सबो नत्ता ल बटोरईया हरे।हमन अपन बेटी ऊपर भरोसा रखबो तभे तो आगू बढ़ा पाबो। हमर जिला अस्पताल के बड़े डाक्टरिन बंगाल परांत ले आय ,जिला के अपर कलेक्टर उत्तर परांत के हरय। मितानिन सुपरवाईजर दीदी आने जिला ले इहां आय हे।पर प्रान्तिक बेटी मन पढ़े अऊ नऊकरी करेबर छत्तीसगढ़ आथय,अईसने छत्तीसगढ़ के बेटी मन दूसर परांत म जाथय। मोला देख मोर बेटी रिंकी के दाखिला मैं भारत देस ले बाहिर परदेस म कराय हंव।ऊहां मोर दाई के सगा न ददा के तभो ले पढ़े बर भेजे हौं। बेटी पराया होथे फेर पढ़ाय लिखाय के जिम्मेवारी हमर आय , अईसन झन करव। बेटी ऊपर भरोसा रखव।

हीरालाल गुरुजी”समय”
छुरा,जिला–गरियाबंद
8720809719

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